मोहन मोहिनी/ Mohan Mohini

110.00

अयोध्या जैसी पावन नगरी में राधाष्टमी के दिन 1893 में जन्मे  गोस्वामी बिन्दु जी महाराज की शिक्षा, धार्मिक दीक्षा अयोध्या में हुई। रामायण, भागवत, भागवत गीता एवं अन्य शास्त्रों व पुराणों का उन्होंने  सम्यक अध्ययन किया। वे महान वक्ता, प्रवचनकर्ता और संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, ब्रज भाषा, अवधी, भोजपुरी आदि के ज्ञाता थे। बिंदु जी महान कवि, भजन लेखक, संगीतकार थे। वृन्दावन में बिंदु जी ने प्रेम धाम आश्रम की स्थापना कीI उनका मानना था कि श्रद्धा एवं प्रेम सभी धर्मों से महान हैं और प्रेम ही ईश्वर है। उन्होंने “मोहन मोहिनी”, “मानस माधुरी”, “राम राज्य”, “कीर्तन मंजरी”, “पाषाणी अहिल्या”, “मानस का मल्लाह”, “धर्मावतार”, “मुरली मनोहर”, “राम गीता”, “रास पंचाध्यायी”, “सुमन संची”, ” बोध वाणी”, “नवयुग विनोद” आदि ग्रंथों की रचना की।

Description

अयोध्या जैसी पावन नगरी में राधाष्टमी के दिन 1893 में जन्मे  गोस्वामी बिन्दु जी महाराज की शिक्षा, धार्मिक दीक्षा अयोध्या में हुई। रामायण, भागवत, भागवत गीता एवं अन्य शास्त्रों व पुराणों का उन्होंने  सम्यक अध्ययन किया। वे महान वक्ता, प्रवचनकर्ता और संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, ब्रज भाषा, अवधी, भोजपुरी आदि के ज्ञाता थे। बिंदु जी महान कवि, भजन लेखक, संगीतकार थे। वृन्दावन में बिंदु जी ने प्रेम धाम आश्रम की स्थापना कीI उनका मानना था कि श्रद्धा एवं प्रेम सभी धर्मों से महान हैं और प्रेम ही ईश्वर है। उन्होंने “मोहन मोहिनी”, “मानस माधुरी”, “राम राज्य”, “कीर्तन मंजरी”, “पाषाणी अहिल्या”, “मानस का मल्लाह”, “धर्मावतार”, “मुरली मनोहर”, “राम गीता”, “रास पंचाध्यायी”, “सुमन संची”, ” बोध वाणी”, “नवयुग विनोद” आदि ग्रंथों की रचना की।

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